Firaq Gorakhpuri Shayari: Firaq Gorkhuri ji was a very influential poet of India. Read here some very special poetry in Hindi by Firaq Gorakhpuri, which you will definitely like.
आज हम आपके लिए उर्दू और हिंदी के शायर फ़िराक़ गोरखपुरी जी की कुछ चुनिंदा शायरी लेकर आए हैं, जो आपको जरूर पसंद आएंगी।
Firaq Gorakhpuri Shayari
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं.

सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई
देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ. !
मुझ से मत पूछो के उस शख़्स में क्या अच्छा है
अच्छे अच्छों से मुझे मेरा बुरा अच्छा है।
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं.!
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं.
सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई
देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ.!
खामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें… !
मुझ से मत पूछो के उस शख़्स में क्या अच्छा है
अच्छे अच्छों से मुझे मेरा बुरा अच्छा है।

खामोश शहर की चीखती रातें,
सब चुप है पर, कहने को है हजार बातें… !
रात भी नींद भी कहानी भी
हाय क्या चीज़ है जवानी भी.. ।
रात भी नींद भी कहानी भी
हाय क्या चीज़ है जवानी भी..।
ये माना जिंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारों चार दिन भी ।
ये माना जिंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारों चार दिन भी।
आँखों में जो बात हो गई है
इक शरह-ए-हयात हो गई है
कर पाओ तो कर लेना कीही हमारी सादगी से
क्योंकि सूरत कुछ खास नहीं हमारी ।
रफ्ता रफ्ता गैर अपनी ही नज़र में हो गए
वाह-री गफलत तुझे अपना समझ बैठे थे हम.!
हम से क्या हो सका मोहब्बत में
खैर तुम ने तो बेवफ़ाई की

मुझ को मारा है हर इक दर्द ओ दवा से पहले
दी सज़ा इश्क़ ने हर जुर्म-ओ-ख़ता से पहले
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं.!
आँखों में जो बात हो गई है,
इक शरह-ए-हयात हो गई है
मुद्दतें गुजरी, तेरी याद भी आई ना हमें
और हम भूल गये हों तुझे, ऐसा भी नहीं
हम से क्या हो सका मोहब्बत में
खैर तुम ने तो बेवफ़ाई की.!
मौत का भी इलाज हो शायद
जिंदगी का कोई इलाज नहीं.!
उम्र की खुराक ज़िंदगी है,
मेरी फ़िराक़ ज़िंदगी है।
मुझ को मारा है हर इक दर्द ओ दवा से पहले,
दी सज़ा इश्क़ ने हर जुर्म-ओ-ख़ता से पहले.!

तुम मुखातिब भी हो क़रीब भी हो
तुम को देखें कि तुम से बात करें.!
सोचूँ तो सारी उम्र मोहब्बत में कट गई,
देखूँ तो एक शख़्स भी मेरा नहीं हुआ. !
ये माना जिंदगी है चार दिन की
बहुत होते हैं यारों चार दिन भी।
बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं
तुझे ऐ जिन्दगी, हम दूर से पहचान लेते हैं.!
हज़ार बार ली तुमने तलाशी मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला इसमें प्यार के सिवा..??
खत्म हो गई कहानियां मेरे अंदाजे से पहले,
जला दिया गया मेरा दिल मेरे जनाजे से पहले..!!
यकीनन तुम भी ये मुक्कमल जहाँ भी शमशान होता,
जान! तुम्हारा इश्क़ भी समझ आता अगर आसान होता ..!!
लिखना तो था कि हम खुश हैं उसके बिना,
मगर आंसू निकल पड़े कलम उठाने से पहले..!!
रास्ते कभी खत्म नहीं होते रिश्ते खत्म हो जाते है… ।
अनजानी राहों पे चलते चलते कई अनजाने मिल जाते है…. ||
फ़िराक़ गोरखपुरी की रोमांटिक शायरी
कभी तेरे दिल में भी ये खयाल आया होगा,
हमने भी तेरी यादों में दीवाना बनाया होगा।
छलकता है अश्क मेरा जब तेरी बातें याद आती हैं,
तेरी हर एक बात में कोई तो जादू छुपा होता है।
तेरे बिन अधूरी सी है मेरी ये जिंदगी,
तेरे साथ से ही तो पूरी है मेरी खुशी।
जुबां पे तेरे नाम की मिठास रखता हूँ,
तुम्हें अपनी सांसों में बसाता हूँ।
चाँद भी शरमा जाए तेरी हँसी की रौशनी से,
मैं क्या कहूँ तेरे दिल की वो सादगी से।
फ़िराक़ की दर्द भरी शायरी
दर्द-ए-दिल को छुपाना बहुत मुश्किल होता है,
जो समझे वही कभी इस जख्म को सहता है।
टूटे हुए दिल का मंजर कैसा होता है,
जिसे कोई देखे तो भी छुपाना पड़ता है।
कितनी बार जला हूँ इस तन्हाई के अंधेरों में,
मगर आशाओं की लौ कभी बुझती नहीं।
ख़ामोशी भी कभी-कभी दिल की आवाज़ बन जाती है,
जब कोई सुनने वाला न हो, तो वही सबसे बड़ी बात होती है।
जज़्बातों की गहराई को कोई समझ न पाया,
तेरी बेवफाई ने ये हाल कर दिया।
फ़िराक़ की सामाजिक और दार्शनिक शायरी
इंसानियत के सवालों को किसने समझा,
जितना भी खोजा, उतना ही खोया।
ज़िंदगी की राहें कितनी पेचीदा हैं,
पर हौंसला रखना ही असली जीत है।
सच और झूठ के बीच एक पतली सी लाइन होती है,
जिसे समझना ही बुद्धिमानी है।
समाज की भीड़ में खो गया इंसान,
अपने अस्तित्व की तलाश में थका चला।
किस्मत की लिखावट भी क्या खूब होती है,
जिसमें हंसी के साथ दर्द भी छुपा होता है।
फ़िराक़ की खूबसूरत नज़्में और अशआर
फूलों की खुशबू से भी ज्यादा तेरी याद आती है,
हर सुबह तेरे नाम से मेरी शुरुआत होती है।
चाँद की चांदनी में तेरी झलक दिखती है,
मेरे दिल की हर धड़कन तुझसे जुड़ी होती है।
बहारों का ये मौसम तेरे बिना फीका है,
तेरे संग बीते पल मेरी जिंदगी के मेहका हैं।
तुम्हारे बिना ये सफर अधूरा सा लगता है,
तुम जो साथ हो तो हर दिन खास लगता है।
तेरी मुस्कान की चमक से रोशन है जहाँ मेरा,
तुम हो तो है ज़िंदगी रंगीन और प्यारा।
फ़िराक़ की शायरी में प्यार और जज़्बात
प्यार वो नहीं जो सिर्फ लफ्ज़ों में हो,
वो तो वो एहसास है जो दिल से दिल तक हो।
तेरे जाने के बाद भी तेरा नाम लबों पर रहता है,
यादों की महफ़िल में बस तेरा ही ग़ुलाम रहता है।
दिल की हर धड़कन में तेरे लिए दुआ होती है,
तुम ही तो मेरी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ख़ुशी होती है।
इश्क़ का सफर आसान नहीं होता,
मगर तेरे साथ ये राह सुहानी लगती है।
तेरे बिना ये दिल सूना-सूना सा रहता है,
हर खुशी अधूरी सी लगती है।
यह भी पढ़ें