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New Dard Bhare Alfaaz
बंद रहते हैं जो अल्फ़ाज़ किताबों में सदा,
गर्दिश-ए-वक़्त मिटा देती है पहचान उन की।
एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में, एक काश में।
🙂🥀💯

सभी कहते है मेरी शायरी मे है बड़ा दर्द,
पर बनना कोई नही चाहता मेरा हमदर्द ।।
✍🏻❣️🥀
अच्छी थी कहानी मगर अधूरी रह गई,
इतनी मोहब्बत के बाद भी दूरी रह गई….!
तुम्हारा याद आना भी क्या कमाल होता है,
कभी देखना आकार हमारा क्या हाल होता है…
🙂🥀💯
हमें कोई ना पहचान पाया करीब से,
कुछ अंधे थे… कुछ अंधेरों में थे ।।
कर के बेचैन फिर मेरा हाल ना पूछा
उसने नजरें फेर लीं मैंने भी सवाल ना पूछा…
जैसे टूटी हुई नींद💔
😔सर दर्द बना देती है।
वैसे ही टूटा हुआ भरोसा
जिंदगी का दर्द बना देता है…🥀🥀

अल्फाज अक्सर अधूरे ही रह जाते है
मोहब्बत में, हर शख्स किसी न किसी की
चाहत दिल में दबाये रखता है !!
दिल से निकले हुए हर
एक अल्फाज ढूंढ रही हूं
उसके साथ बिताए हर
एक पल ढूंढ रही हूं..!
जिंदगी की हकिकत से गुजरे तो अहसास हुआ,
बिना मतलब के यहां कौन किसका खास हुआ….!
😒❤️🥀
जिसके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानता हूं,
मैं ख़ुदा से पहले मेरी मां को जानता हूं।
चलो आज किस्सा तमाम ही हो गया,
जो पहले अपना था आज अनजान हो गया।
😔💔🥀
तुम्हारी याद के जब जख्म भरने लगते हैं,
किसी बहाने तुम्हे याद करने लगते हैं।
🙂🥀✍🏻
जिंदगी जला दी हमने जैसी जलानी थी,
अब धुंऐ पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी!!
पता नही कब खत्म होगी ये जिंदगी
सच में अब जीने का मन नही करता….!
🥹🖤🥀

दूसरी मोहब्बत अक्सर उसी से होती है,
जिसे आप पहली मोहब्बत का रोना सुना रहे होते है.
कुछ दर्द भरे अल्फाज थे,
टूटे हुए कुछ ख्वाब थे,
कुछ अनसुलझे सवालों के,
उलझे हुए जवाब थे…
तन्हा ज़िन्दगी है…,
और जीना मुहाल है,
इक बेवफ़ा के ख़याल से,
हाल बेहाल है।
💔🥀😔
खैर…. आपको आपकी मंजिल मिले
हमारे तो रास्ते और मंजिल दोनो ही खो गये….!
🥺❤️🌹
किसी को अपने जान से ज्यादा चाहने
का इनाम, दर्द और आंसू के
अलावा कुछ नहीं मिलता ..!
जो कह दिया वो अल्फ़ाज़ थे।
जो कह न् सके वो जज़्बात थे।
जो कहते कहते न् कह पाये वो अहसास थे।
लफ्जों के बोझ से थक जाती है
जुबां कभी-कभी पता नहीं
खामोशी मजबूरी है या समझदारी..!!
Dard Bhare Alfaaz Text
कटी हुई टहनियां कहां छाँव देती है
हद से ज्यादा उम्मीदें हमेशा घाव देती है….!
मैं ख़ामोशी तेरे मन की, तू अनकहा अलफ़ाज़ मेरा…..
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा…
ये मोहब्बत है या नफरत कोई इतना तो समझाए,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ कभी दिल मुझ से लड़ता है….

क्या लिखूं और कितना लिखूं दिल के एहसासों को,
जिंदगी भरी पड़ी है सब अनकहें अल्फाज़ों से।
उदास नही होना क्योंकी मैं साथ हूं
सामने ना सही पर आस पास हूं
पलकों को बंद कर दिल मैं देखना
मैं हर पल तुम्हारे साथ साथ हूं
अगर मुझे चाहने वाले हजारों मिल जाए तब भी
मेरी पहली और आखिरी पसंद तुम रहोगे.!
याद तो बहुत आ रही है तेरी पर क्या करू
रोज की तरह आज भी तड़प तड़प कर सो जाएँगे.!
दिल में तो आप हो अब कोई खास कैसे होगा
मेरी यादों में आपके सिवा कोई पास कैसे होगा.
वो करीब बहुत है मगर दूरियों के साथ
हम दोनों जी तो रहे हैं मगर मजबूरियों के साथ.!
हर वक्त तेरे आने की आस रहती है
हर पल तुझसे मिलने की प्यास रहती है
सब कुछ है यहां बस तू नहीं
इसलिए शायद ये जद्विगी उदास रहती है।
ना जागने का शौक था
ना आदत थी भटकने की !!
एक शख्स के जाने से नींद उड़ गई मेरी !!
दिल आज तक तकलीफ, मैं है !!
और तकलीफ देने वाला दिल मैं !!
नींद से क्या शिकवा करूँमैं जो रात भर आती नहीं !!
कसूर तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नही देता !!
हमे तो बस अकेलेपन से प्यार है।
छोड़ दी दुनिया दारी
हमें तो सिर्फ मौत का इंतजार है !!
उम्मीद न कर इस दुनिया में, किसी से हमदर्दी की,
बड़े प्यार से जख्म देते है, शिद्दत से चाहने वाले !!
किस कदर तेरी चाहतों को हम अपने पास लिए बैठें हैं,
तू नहीं है मेरा फिर भी हम तेरी आस लिए बैठें हैं।
ना कोई हमदर्द था ना कोई दर्द था,
फिर एक हमदर्द मिला उसी से सारा दर्द मिला..!!
बहुत खूबसूरत है ना ये वहम मेरा,
के तुम जहां भी हो सिर्फ मेरे हो…!!
ना ज़ख्म भरे न शराब सहारा हुई,
ना वो वापस लौटे न मोहब्बत दुबारा हुई..!!
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